प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थान चला रहे तमिलनाडु स्थित एक व्यापारिक समूह के मारे गए छापे में आयकर विभाग ने 30 करोड़ रुपए बेहिसाबी धन जब्त किया है। व्यापारिक समूह के 17 परिसरों में मारे गए छापे इस जानकारी पर आधारित थे कि समूह बड़ी मात्रा में कर चोरी में लिप्त है। आईटी विभाग ने एक बयान में कहा, प्राथमिक निष्कर्षों के आधार पर समूह की अघोषित अनुमानित आय 150 करोड़ रुपए से अधिक है। तलाशी की कार्रवाई अभी भी जारी है।

आईटी विभाग के अनुसार, कोचिंग सेंटर्स विद्यार्थियों से मिलने वाली फीस छिपा कर रख लेते थे। व्यवस्था इस तरह की थी कि फीस का एक हिस्सा नकद लिया जाता था और उसकी एंट्री नियामकीय बही-खाते में नहीं की जाती थी। आईटी विभाग ने कहा, इन पैसों का एक अलग खाता था। इन पैसों को छिपाने से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज तलाशी के दौरान पाए गए, जिन्हें डायरियों, इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइसेस में दर्ज किया जाता था और इन्हें बड़ी मात्रा में बेहिसाबी नकदी के रूप में भी रखा जाता था।

नकदी को कर्मचारियों के नाम से बैंक लॉकरों में रखा गया था, जो बेनामी के रूप में काम करते थे। तमिलनाडु स्थित व्यापारिक समूह, नमक्कल में कई साझेदार कंपनियां और एक ट्रस्ट शामिल हैं, जिनका नियंत्रण लोगों का एक समूह करता था। आईटी विभाग के बयान में कहा गया कि मुख्य स्कूल के परिसर में स्थित एक ऑडिटोरियम के अंदर एक आलमारी में बड़ी मात्रा में नकदी पाई गई। उसके बाद 30 करोड़ रुपए बेहिसाबी नकदी पाई गई और उसे जब्त कर लिया गया।



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