भारतीय युवा अधिक वेतन नहीं, बल्कि नौकरी की सुरक्षा (जॉब सिक्योरिटी) को अधिक महत्व देते हैं। सोमवार को एक सर्वे में बताया गया कि युवा सुरक्षित नौकरी के बाद दूसरे नंबर पर जीवन और काम में संतुलन बनाए रखने को अधिक महत्व देते हैं। इसलिए भारतीय युवाओं में बैंकिंग क्षेत्र और सरकारी नौकरियों के प्रति खास आकर्षण होता है। सर्वे में देशभर में बैंकिंग और सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले 5 हजार युवाओं की प्रतिक्रियाओं को शामिल किया गया।

सर्वे में पाया गया कि 44.3 फीसदी युवाओं ने नौकरी की स्थिरता के लिए वोट किया। जबकि 36.7 फीसदी ने काम व जीवन के बीच के संतुलन को चुना। बेहतर वेतन को महज 11.1 फीसदी युवाओं ने तवज्जो दी। सर्वे में शामिल युवाओं में से 79 फीसदी टियर-2 और टियर-3 शहरों से थे। ओलिवबोर्ड के सह-संस्थापक व सीईओ अभिषेक पाटिल ने कहा, जब हम भारतीय युवाओं की आकांक्षाओं के बारे में बात करते हैं तो यह महत्वपूर्ण होता है कि बड़े शहरों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों व स्टार्टअप से परे देखा जाए। अधिकतर भारतीय छोटे शहरों और गांवों में रहते हैं, जहां सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों की मांग सबसे ज्यादा होती है।

पाटिल ने कहा, हमारा सर्वेक्षण समाज के इस उपेक्षित वर्ग के सपनों और प्रेरणाओं पर प्रकाश डालता है। सर्वेक्षण के अनुसार, 23 फीसदी युवाओं ने अंग्रेजी के बजाय हिंदी में मॉक टेस्ट का विकल्प चुना। अध्ययन में कहा गया है कि अधिकांश उम्मीदवार (39.4 फीसदी) एक साथ तीन या इससे अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। सर्वे में यह भी पाया गया कि प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई, एनईईटी, बैंकिंग, एसएससी और गेट के लिए ऑनलाइन कोचिंग का उपयोग अधिक गति प्राप्त कर चुका है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2ISboeD