मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों को नया स्वरूप देने की तैयारी हो रही है। पाठ्यक्रमों की नवीन सरंचना की जिम्मेदारी विभिन्न विश्वविद्यालयों को सौंपी गई है। सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 25 विषयों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की नवीन संरचना कैसी हो, इसके लिए तीन माह में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही विद्वानों, अभिभावकों और विद्यार्थियों के सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे और प्राप्त सुझावों को कार्यशाला में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। बयान के अनुसार, राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों को विभिन्न विषयों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की नवीन संरचना का दायित्व सौंपा है। विश्वविद्यालयों द्वारा तैयार किया गया प्रस्तावित पाठ्यक्रम केन्द्रीय अध्ययन मंडल के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि विषयवार प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी सात विश्वविद्यालयों को सौंपी गई है। इसके मुताबिक, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा अर्थशास्त्र, वाणिज्य, व्यावसायिक प्रबंधन, कम्प्यूटर साइंस, गणित पाठ्यक्रमों के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसी तरह बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा प्राणि शास्त्र, गृह विज्ञान, माइक्रो बॉयलाजी, बायो टेक्रॉलॉजी, बायो केमिस्ट्री, योग विज्ञान, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा दर्शन शास्त्र, मनो विज्ञान, राजनीति विज्ञान, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा वनस्पति शास्त्र, भौतिक शास्त्र, प्राणि शास्त्र के लिए कार्यशालाएं आयोजित कर पाठ्यक्रम के प्रारूप बनाए जाएंगे।

बयान के अनुसार, इसके अतिरिक्त विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति, इतिहास, भूगोल, समाज शास्त्र, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा द्वारा भूगर्भ शास्त्र, रसायन शास्त्र, पर्यावरण विज्ञान, अंग्रेजी साहित्य और अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा हिन्दी साहित्य और आधार पाठ्यक्रम के लिए कार्यशालाएं आयोजित कर पाठ्यक्रम के प्रारूप तैयार किए जाएंगे।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2o7Vu8O