General Science Questions: रोजमर्रा के जीवन में हमारे साथ कई वैज्ञानिक घटनाएं घटती हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं या फिर हमें उनका पता ही नहीं चलता। हम ऐसी ही कुछ चीजों के पीछे छिपे विज्ञान के बारे में यहां जानेंगे।

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प्रश्न (1) - गैस सिलेंडर का रंग लाल क्यों होता है?
रसोई में प्रयोग किये जाने वाले सिलेंडर लाल रंग के होने के पीछे का कारण सुरक्षा है जैसा कि हम जानते हैं कि रसोई गैस सिलेंडरों में एलपीजी गैस भरी जाती है जो अत्यधिक ज्वलनशील होती है। रसोई गैस के प्रयोग से पहले कहा जाता है कि उसमें प्रयोग किया जाने वाला पाइप लम्बा होना चाहिए ताकि सिलेंडर आग से दूर रखा जा सके। लाल रंग खतरे का संकेत देता है इसी को देखते हुए गैस के लिए प्रयोग किये जाने वाले सिलेंडरों को लाल रंग से पेंट किया जाता है।

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प्रश्न (2) - गर्म करने पर दूध क्यों उफनता है?
दूध में अधिक मात्रा प्रोटीन और वसा मौजूद रहता है, जब दूध को गर्म किया जाता है तो ये दोनो अलग हो जाते हैं और हल्के होने के कारण ये दूध की सतह पर इकठ्ठे हो जाते हैं। ये दूध से उठने वाली वाष्प को बाहर नहीं जाने देते और जब यह वाष्प बाहर जाने का प्रयास करती है तो बुलबुलों के रूप मे झाग बनाती है और दूध उफन कर बाहर आ जाता है।

प्रश्न (3) - आसमान में क्यों चमकती है बिजली?
बादलों में नमी होती है। यह नमी बादलों में जल के बहुत बारीक कणों के रूप में होती है। हवा और जलकणों के बीच घर्षण होता है। घर्षण से बिजली पैदा होती है और जलकण आवेशित हो जाते हैं यानि चार्ज हो जाते हैं। बादलों के कुछ समूह धनात्मक तो कुछ ऋणात्मक आवेशित होते हैं। धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल जब एक.दूसरे के समीप आते हैं तो टकराने से अति उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है। विद्युत-धारा के प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है।

प्रश्न (4) - तेज चलती हवा में ठंड क्यों लगती है?
ठंड में हवा चलने पर अधिक ठंड लगने का कारण यह हैकि शरीर से शांत मौसम के मुकाबले अधिक गर्मी निकल जाती है। हमारे चेहरे तथा शरीर के अन्य अंगों के पास की हवा हमारे शरीर की गर्मी से धीरे-धीरे गर्म हो जाती है। फिर चेहरे तथा शरीर पर लिपटा गर्म हवा का यह कवच शरीर से निकलने वाली गर्मी को रोकता है। यदि हमारे गिर्द हवा स्थिर है तो शरीर के पास की गर्म हवा की परत ठंडी व भारी हवा द्वारा बहुत मंद गति से ऊपर की ओर विस्थापित होती है। जब हवा चलती है तो वह शरीर के पास की गर्म हवा को एकदम से परे हटा देती है तथा ठंडी हवा शरीर को स्पर्श करने लगती है। हवा जितनी तेज होगी, उतनी ही अधिक मात्रा शरीर को स्पर्श करती हुई निकलेगी। इससे हमारे शरीर से प्रति मिनट ताप खोने की मात्रा भी उतनी ही अधिक होगी और ठंड महसूस होती है।



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